15 करोड़ की ड्रग्स के साथ 5 तस्कर गिरफ्तार

बड़ी खबर इंदौर। चंदन नगर पुलिस ने नशीले पदार्थों की खरीद-फरोख्त करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के तार दिल्ली और मुजफ्फरपुर के तस्करों से जुड़े हुए हैं। पुलिस ने डेढ़ क्विंटल वजनी ड्रग जब्त की है। इसकी कीमत 15 करोड़ रुपये आंकी गई है। पुलिस ने मामले में पांच तस्करों को गिरफ्तार किया है। चंदन नगर टीआइ दिलीप पुरी को सूचना मिली थी कि आरोपित आरिफ और कार्तिक मादक पदार्थों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। शुक्रवार रात पुलिस ने दोनों पैडलर आरोपितों को संदिग्ध पदार्थ के साथ हिरासत में ले लिया। आरोपितों ने बताया कि जब्त पदार्थ छह लाख रुपये किलो मिलता है और नशे के लिए बेचा जाता है। शनिवार शाम जोन-4 के डीसीपी राजेश कुमार सिंह और एडीसीपी प्रशांत चौबे पूछताछ करने पहुंचे और आरोपितों के मोबाइल के आधार पर सप्लायर कोमल व अभय को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने अभय के घर छापा मारा तो एक कमरे में करीब डेढ़ क्विटंल नशीले पदार्थ बोरे में मिले। उसने पूछताछ में अजय जादौन का नाम बताया जो मुजफ्फरपुर और दिल्ली के तस्करों से माल खरीद कर विभिन्न शहरों में सप्लाई करता है। पुलिस ने रविवार को अजय को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पांचों आरोपितों के खिलाफ एनडीपीस एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है।   पुलिस पहले जब्त माल को मिथाइलीन डाइआक्सी मेथैमफेटामाइन (एमडीएमए) समझ कर जांच में उलझी रही। आरोपितों से सख्ती की लेकिन वे स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाए। पुलिस ने परख के लिए नारकोटिक्स व क्राइम ब्रांच की मदद ली, लेकिन अधिकारी यह साफ नहीं कर पाए कि जब्त पदार्थ वास्तव में क्या है? लाकअप में बंद एक आरोपित ने बताया कि उसने जब्त पदार्थ का सेवन किया है जिससे उसे नशा होने लगा था। इसके बाद पुलिस ने चारों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
मिथाइल टेट्रामाइन, डोमपेरिडोन, क्लोसिपिन और क्लोसुटिन सल्फेट है। एक आरोपित ने बताया कि क्लोसिपिन का मुर्गी पालन केंद्रों पर उपयोग होता है। आर्थिक लाभ के लिए मुर्गियों को कम समय में और कम खाना देकर जल्दी मोटा करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मुर्गी पालन, एक्वा फार्मिंग और पशु चारा अनुपूरक आहार में इसका उपयोग करने पर रोक लगा रखी है।

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